
नासिक प्रतिनिधि – अनिकेत मशिदकर : केंद्र सरकार के सहकारिता विभाग ने देश की विभिन्न कार्यकारी सेवा सहकारी समितियों को 100 प्रतिशत कम्प्यूटरीकृत कर उन्हें सीधे केंद्रीय सहकारी विभाग से जोड़ने की बेहद महत्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसलिए देशभर में लाखों विभिन्न कार्यशील सहकारी समितियां एक-दूसरे से जुड़ने जा रही हैं। अतः ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में सुविधा होगी।
सहकारिता विभाग के उप पंजीयक के मार्गदर्शन में जिले की कुछ आर्थिक रूप से व्यवहार्य संस्थाओं में कम्प्यूटरीकरण का कार्य भी प्रारंभ हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण विकास की विभिन्न कार्यकारी सहकारी समितियाँ और ग्राम स्तरीय आर्थिक आधार है। आत्मनिर्भर भारत योजना के माध्यम से उन्हें आर्थिक सहायता देकर मजबूत करने का काम किया गया।
साथ ही, चूंकि जरूरतमंद किसानों, जमाकर्ताओं, सदस्यों, उधारकर्ताओं को कम्प्यूटरीकृत जानकारी तुरंत प्रदान की जाएगी, इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने, शासन में पारदर्शिता और दक्षता में मदद मिलेगी।
योजना के पहले चरण में, सहकारी आंदोलन को मजबूत किया जाएगा क्योंकि महाराष्ट्र में 15,000 विभिन्न कार्यशील सहकारी समितियों को कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा और केंद्रीय सहकारी विभाग से जोड़ा जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि इसमें नासिक जिले की 614 विभिन्न कार्यशील सहकारी समितियों को शामिल किया गया है। इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार के सहकारिता विभाग द्वारा चार लाख की सामग्री उपलब्ध करायी जायेगी. इसमें मुख्य रूप से कंप्यूटर, प्रिंटर, केबल शामिल हैं। नासिक जिले के 614 संस्थान कम्प्यूटरीकृत होने जा रहे हैं।